जो तुम छैल छला बन जाते, परे अँगुरियन राते
मों पोंछत गालन के ऊपर, कजरा देत दिखाते
घरी-घरी घूँघट खोलत में, नजर सामने आते
ईसुर दूर दरस के लाने, ऐसे काए ललाते
-ईसुरी
Wednesday, August 02, 2023
Saturday, March 23, 2019
वसीम बरेलवी
समुंदरों ही के लहजे में बात करता है
शराफ़तों की यहाँ कोई अहमियत ही नहीं
किसी का कुछ न बिगाड़ो तो कौन डरता है
-वसीम बरेलवी
Thursday, March 21, 2019
बेटियाँ
बेटियाँ शुभ कामनाएँ हैं
बेटियाँ जातक कथाएँ हैं
बेटियाँ जीनत हदीसों की
बेटियाँ गुरुग्रंथ की वाणी
बेटियाँ वैदिक ॠचाएँ हैं
जिनमें खुद भगवान बसता है
बेटियाँ वे वंदनाएँ हैं
-अजहर हाशमी
बेटियाँ जातक कथाएँ हैं
बेटियाँ जीनत हदीसों की
बेटियाँ गुरुग्रंथ की वाणी
बेटियाँ वैदिक ॠचाएँ हैं
जिनमें खुद भगवान बसता है
बेटियाँ वे वंदनाएँ हैं
-अजहर हाशमी
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